आणंद की शोहरत पूरी दुनिया में अमूल के मुख्यालय के तौर पर है। दरअसल इसी शहर से त्रिभुवनदास पटेल और वर्गीज कुरियन की जोड़ी ने उस श्वेत क्रांति को जन्म दिया, जो स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। आणंद शहर के नजदीक ही करमसद है, जो सरदार पटेल और उनके भाई विठ्ठलभाई पटेल के पुश्तैनी गांव के तौर पर मशहूर है। शिक्षा के क्षेत्र में भी आणंद का बड़ा नाम है। न सिर्फ यहां इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल मैनेजमेंट, आणंद यानी इरमा जैसा मशहूर प्रबंधन संस्थान है, बल्कि वल्लभ विद्यानगर के तौर पर दर्जनों कॉलेजों को समेटे हुए विशाल शैक्षणिक संकुल भी है।
आणंद का इलाका मध्य गुजरात में है। आणंद न सिर्फ एक जिला है, बल्कि लोकसभा क्षेत्र भी है। आणंद लोकसभा सीट कांग्रेस की मजबूत सीटों में से एक रही है। 1977 से लेकर 2009 तक दो बार को छोड़कर इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। बीजेपी ये सीट सिर्फ 1989 और 1999 में जीत पाई। इस सीट से मौजूदा सांसद भरतसिंह सोलंकी हैं, जो केंद्र की यूपीए सरकार में पेयजल राज्य मंत्री हैं। सोलंकी ने वर्ष 2004 में भी ये सीट कांग्रेस के लिए जीती थी।
एक बार फिर से भरत सोलंकी ही आणंद से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, जबकि बीजेपी ने दिलीप पटेल को मैदान में उतारा है। दिलीप पटेल फिलहाल आणंद से ही बीजेपी विधायक हैं।
आणंद लोकसभा सीट के अंदर विधानसभा की सात सीटें हैं – खंभात, बोरसद, अंकलाव, उमरेठ, आणंद, पेटलाद और सोजीत्रा। 2012 के विधानसभा चुनावों में जहां बोरसद, अंकलाव, पेटलाद और सोजित्रा पर कांग्रेस ने कब्जा किया, वही उमरेठ की सीट इसकी सहयोगी पार्टी एनसीपी ने जीती। बीजेपी सिर्फ दो सीटें-आणंद और खंभात जीत पाई।
आणंद की नुक्कड़ बहस में शामिल नेताओं के नाम
बीजेपी
1. राजेश पटेल, आणंद लोकसभा क्षेत्र प्रभारी, बीजेपी
2. ध्वनि शर्मा, राष्ट्रीय सचिव, बीजेपी युवा मोर्चा
3. बिपिन पटेल, वरिष्ठ नेता, बीजेपी
कांग्रेस
अल्पेश पुरोहित, कांग्रेस नेता
आम आदमी पार्टी
कुणाल मेहता
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