दाहोद लोकसभा सीट सात विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी है – संतरामपुर,
फतेपुरा, झालोद, लिमखेडा, दाहोद, गरबाडा और देवगढ़ बारिया। इनमें से छह विधानसभा
सीटें जहां दाहोद जिले में आती हैं, वही संतरामपुर महीसागर जिले का हिस्सा है। इन
सात सीटों में से देवगढ़ बारिया को छोड़कर बाकी सभी विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति
के लिए रिजर्व हैं।
2012 के विधानसभा चुनावों में इस लोकसभा सीट के अंदर आने वाली चार
विधानसभा सीटों पर जहां कांग्रेस ने जीत हासिल की, वही तीन विधानसभा सीटों पर
बीजेपी ने।
दाहोद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित लोकसभा सीट है। 2009 के लोकसभा
चुनावों में यहां कांग्रेस की प्रभाबेन तावियाड ने जीत हासिल की। इससे पहले के दो
चुनाव यानी 1999 और 2004 में यहां जीत का सेहरा बीजेपी के बाबूभाई कटारा के सर पर
बंधा। इससे पहले इस सीट से लगातार सात बार कांग्रेस के सोमजी डामोर ने जीत हासिल
की, 1977 से लेकर 1998 तक। सोमजी डामोर पिछले लोकसभा चुनावों के पहले बीजेपी में आ
गये और बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर 2009 का चुनाव लड़ा, लेकिन वो चुनाव हार गये।
इस बार बीजेपी ने दाहोद से जसवंत सिंह भाभोर को चुनाव मैदान में उतारा है। भाभोर
दाहोद जिले की लिमखेडा विधानसभा सीट से विधायक हैं और बीजेपी की पिछली तीन सरकारों
में मंत्री भी रह चुके हैं।
कांग्रेस की तरफ से प्रभाबेन तावियाड ही उम्मीदवार हैं। वो एआईसीसी की
सेक्रेटरी के अलावा राहुल गांधी की कोर टीम की सदस्या भी हैं।
आदिवासी बहुल दाहोद जिला मध्यप्रदेश के झाबुआ से सटा हुआ है। मुगल
बादशाह औरंगजेब का जन्म दाहोद में ही हुआ था। उस समय औरंगजेब का पिता शाह जहां
गुजरात का सूबेदार हुआ करता था।
नुक्कड़ बहस में भाग लेने वाले नेताओं का नाम
बीजेपी
1.
सोमजी डामोर, दाहोद के पूर्व सांसद व बीजेपी नेता
2.
राजेश सहताई, बीजेपी नेता व दाहोद नगरपालिका अध्यक्ष
3.
गुलशन बचानी, जिला उप प्रमुख, बीजेपी, दाहोद
कांग्रेस
1. प्रभाबेन तावियाड,
कांग्रेस सांसद व उम्मीदवार, दाहोद
2. किरीट भाई पटेल,
जिला कांग्रेस अध्यक्ष, दाहोद
आम आदमी पार्टी - ब्रजेश दर्जी
लोकेशन – छाप तालाब, दाहोद
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