भावनगर एक समय की बड़ी रियासत रही है और इस इलाके को गोहिलवाड़ के तौर पर भी जाना जाता था। आजादी के बाद भावनगर पहले सौराष्ट्र राज्य का हिस्सा बना और उसके बाद बंबई प्रांत और फिर गुजरात का। भावनगर न सिर्फ गुजरात का एक बड़ा जिला है, बल्कि इसका बड़ा हिस्सा समुद्र तटीय भी है। भावनगर का अलंग शिप ब्रेकिंग के धंधे के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इसी जिले में पालीताणा है, जो जैन धर्मावलंबियों के लिए काफी महत्वपूर्ण शहर है।
भावनगर लोकसभा सीट बीजेपी की मजूबत सीटों मे से एक है। इस सीट पर 1991 से ही बीजेपी का कब्जा है। 1991 में बीजेपी के लिए ये सीट महावीर सिंह गोहिल ने कांग्रेस से छीनी। उसके बाद 1996, 1998, 1999, 2004 और 2009 का चुनाव बीजेपी की तरफ से राजेंद्रसिंह राणा ने जीता, जो लंबे समय तक गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे। हालांकि इस बार बीजेपी ने इस सीट से राणा की जगह भारतीबेन श्याल को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो भावनगर जिले की ही तलाजा विधानसभा सीट से विधायक हैं। वही कांग्रेस ने भावनगर लोकसभा सीट पर प्रवीण राठौड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो इसी जिले की पालीताणा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। राठौड़ का चयन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्राइमरी योजना के तहत किया गया।
भावनगर लोकसभा सीट के अंदर विधानसभा की सात सीटें आती हैं- तलाजा, पालीताणा, भावनगर ग्रामीण, भावनगर पूर्व, भावनगर पश्चिम, गढड़ा और बोटाद। 2012 के विधानसभा चुनावों में इनमें से छह सीटों पर जहां बीजेपी ने कब्जा किया, वही सिर्फ एक सीट पालिताणा कांग्रेस के हाथ आई।
नुक्कड़ बहस में शामिल होने वाले नेताओं के नाम-
विभावरीबेन दवे, बीजेपी विधायक, भावनगर पूर्व
डी बी राणिंगा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष, भावनगर
राजन त्रिवेदी, आम आदमी पार्टी नेता
लोकेशन- सरदार बाग़, भावनगर
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