Wednesday, September 17, 2014
Monday, August 25, 2014
Monday, July 21, 2014
Wednesday, July 9, 2014
Thursday, June 26, 2014
Tuesday, June 10, 2014
Monday, June 9, 2014
नौ सीएम के बाद पीएम के पीआरओ बने जगदीश ठक्कर,पढ़ें खास रिपोर्ट | PrabhatKhabar.com : Hindi News Portal to Eastern India
नौ सीएम के बाद पीएम के पीआरओ बने जगदीश ठक्कर
Prabhat Khabar, Patna Edition, June 09, 2014
http://epaper.prabhatkhabar.com/285391/PATNA-City/City#page/1/1
http://epaper.prabhatkhabar.com/285391/PATNA-City/City#page/17/1
Prabhat Khabar, Patna Edition, June 09, 2014
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Sunday, June 8, 2014
Saturday, May 31, 2014
Thursday, May 22, 2014
Sunday, May 18, 2014
Saturday, May 17, 2014
Friday, May 16, 2014
Thursday, May 15, 2014
Wednesday, May 14, 2014
Sunday, May 4, 2014
Saturday, May 3, 2014
Friday, May 2, 2014
Thursday, May 1, 2014
Wednesday, April 30, 2014
Tuesday, April 29, 2014
Monday, April 28, 2014
Saturday, April 26, 2014
Nukkar behas: Kaun Banega Pradhanmantri from Sabarkantha
उत्तर गुजरात की साबरकांठा लोकसभा सीट कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए प्रतिष्ठा की सीट है। इस सीट से इस बार कांग्रेस ने अपने सबसे वरिष्ठ नेता शंकरसिंह वाघेला को चुनाव मैदान में उतारा है। वाघेला फिलहाल गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। बीजेपी ने दीपसिंह राठौड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है। राठौड़ पहले बीजेपी के विधायक रह चुके हैं।
साबरकांठा लोकसभा सीट पर 2009 में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। तब बीजेपी की तरफ से महेंद्रसिंह चौहाण ने तत्कालीन सांसद और कांग्रेस उम्मीदवार मधुसूदन मिस्त्री को हराया। दरअसल साबरकांठा की सीट पर वर्ष 1996 से लगातार कांग्रेस का कब्जा 2004 तक बना रहा। 1996, 1998 और 1999 में कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री अमरसिंह चौधरी की पत्नी निशाबेन चौधरी ने जीत हासिल की, तो उनकी मौत के बाद 2001 में हुए उपचुनाव के अलावा 2004 के आम चुनाव में भी मधुसूदन मिस्त्री की जीत हुई।
साबरकांठा लोकसभा सीट ऐतिहासिक महत्व की रही है। 1952, 1957 और 1962 में इस सीट से गुलजारी लाल नंदा ने जीत हासिल की, जो दो बार भारत के कार्यवाहक प्रधानमंत्री रहे। 1973 में यहां से सरदार वल्लभभाई पटेल की बेटी मणिबेन पटेल चुनाव जीती थीं। यही नहीं, 1977 और 1984 में एचएम पटेल ने यहां से जीत हासिल की, जो जनता सरकार में मंत्री रहे।
साबरकांठा में लोकसभा के अलावा हिमतनगर विधानसभा सीट के लिए भी उपचुनाव हो रहा है। दरअसल लोकसभा चुनावों के एन पहले हिमतनगर के कांग्रेसी विधायक राजेंद्रसिंह चावड़ा ने पार्टी छोड़ दी और बीजेपी में शामिल हो गये। ऐसे में यहां उपचुनाव की नौबत आई है। जहां तक विधानसभा चुनावों का सवाल है, 2012 में साबरकांठा लोकसभा सीट के अंदर आने वाली विधानसभा की सात सीटों में से छह पर कांग्रेस ने कब्जा किया, जबकि सिर्फ ईडर की सीट बीजेपी के खाते में आई, जहां से रमणभाई वोरा चुनाव जीते, जो मोदी सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री हैं। साबरकांठा लोकसभा सीट के अंदर आने वाली विधानसभा की सात सीटों के नाम हैं –हिमतनगर, ईडर, खेडब्रह्मा, भिलोडा, मोडासा, बायड और प्रांतीज।
कांग्रेस इस बार साबरकांठा लोकसभा सीट को अपने सबसे बड़े नेता के जरिये कब्जा करने की जुगत में लगी है, तो बीजेपी अपनी इस सीट को बचाये रखने की मुहिम में है मोदी मैजिक के सहारे।
लोकेशन – हिमतनगर, साबरकांठा
नुक्कड़ बहस में शामिल होने वाले नेताओं के नाम
बीजेपी
1. बिपिनभाई ओझा, शहर बीजेपी अध्यक्ष, हिमतनगर, साबरकांठा
2. देवांग शुक्ल, शहर बीजेपी महामंत्री, हिमतनगर, साबरकांठा
3. कौशल्या कुंवरबा, बीजेपी महिला मोर्चा उपाध्यक्ष, गुजरात
कांग्रेस
1. अनिल जोशियारा, कांग्रेस विधायक, भिलोड़ा, साबरकांठा
2. महेंद्रसिंह बारैया, कांग्रेस विधायक, प्रांतीज, साबरकांठा
आम आदमी पार्टी
उमर फारुख, आम आदमी पार्टी उम्मीदवार, हिमतनगर विधानसभा सीट, साबरकांठा
Tuesday, April 22, 2014
Kaun Banega Pradhanmantri Nukkad Behes from Banaskantha, Gujarat
उत्तर गुजरात का महत्वपूर्ण जिला है बनासकांठा। बनासकांठा जिले की सीमा पाकिस्तान से सटी हुई है। इस जिले का मुख्यालय है पालनपुर, जो आजादी से पहले एक रजवाड़ा हुआ करता था। बनासकांठा नाम से ही लोकसभा सीट भी है, जिस पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है। हालांकि 2009 में जब आम चुनाव हुए थे, तो ये सीट कांग्रेस के लिए मुकेश गढ़वी ने जीती थी, लेकिन उनके देहांत के बाद जून 2013 में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने ये सीट कांग्रेस से छीन ली। इस सीट पर कांग्रेस के हरिसिंह चावड़ा ने 2004 में जीत हासिल की थी।
2014 लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने मौजूदा सांसद हरिभाई चौधरी को
ही अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने इस सीट से जोइताभाई पटेल को अपना
उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी ने भी यहां अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। 1998
और 1999 में बीजेपी के लिए ये सीट हरिभाई चौधरी ने ही जीती थी।
बनासकांठा लोकसभा सीट के अंदर गुजरात विधानसभा की सात सीटें आती हैं-
वाव, थराद, धानेरा, दांता, पालनपुर, डीसा और दियोदर। 2012 विधानसभा चुनावों के
दौरान इनमें से चार सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया, तो धानेरा, दांता और पालनपुर
की सीटें कांग्रेस के खाते में गईं।
लोकेशन – पालनपुर
नुक्कड़ बहस में शामिल होने वाले नेताओं के नाम
बीजेपी
1. परबतभाई पटेल,
आरोग्य व परिवार कल्याण राज्य मंत्री, गुजरात
2. हरेशभाई जानी,
बनासकांठा लोकसभा क्षेत्र प्रभारी, बीजेपी
3. राणाभाई देसाई,
बीजेपी नेता, बनासकांठा
4. हितेश चौधरी,
बनासकांठा जिला बीजेपी महामंत्री
कांग्रेस
जाकिर हुसैन चौधरी,
जिला कांग्रेस अध्यक्ष, बनासकांठा
2. रायमलजी सोलंकी,
प्रदेश महामंत्री, कांग्रेस
3. लक्ष्मीबेन, प्रदेश
मंत्री, कांग्रेस
आम आदमी पार्टी
1. संजय रावल, आम आदमी
पार्टी उम्मीदवार, बनासकांठा लोकसभा क्षेत्र
Saturday, April 19, 2014
KBPM's Nukkar Behas from Gujarat's Patan
गुजरात की प्राचीन राजधानी है पाटण। सिद्धराज जय सिंह जैसे प्रतापी राजाओं ने पाटण पर शासन किया। आज का पाटण गुजरात के उत्तरी हिस्से का प्रमुख ज़िला है और लोकसभा क्षेत्र भी। पाटण अपनी पटोला साड़ियों के लिए भी मशहूर है और रानी की बाव नामक ऐतिहासिक तालाब के लिए भी।
पाटण लोकसभा सीट पर फ़िलहाल कांग्रेस का क़ब्ज़ा है, लेकिन इसके मौजूदा सांसद जगदीश ठाकोर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने इस दफ़ा पाटण से भावसिंह राठौड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है़़, जो २००९ के लोकसभा चुनावों में बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर जगदीश ठाकोर के सामने चुनाव लड़े थे। इस बार बीजेपी ने पाटण सीट से लीलाधर वाघेला को मैदान में उतारा है, जो डीसा से विधायक भी हैं।
एक समय पाटण बीजेपी की मज़बूत सीट रही है। बीजेपी नेता महेश कनौडिया ने १९९१, १९९६, १९९८ और २००४ में ये सीट जीती। इस बीच १९९९ में ये सीट कांग्रेस के लिए प्रवीण राष्ट्रपाल ने जीती।
आम आदमी पार्टी ने यहाँ से अतुल पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन स्क्रुटिनी के दौरान उनका पर्चा ख़ारिज हो गया।
पाटण लोकसभा सीट के अंदर विधानसभा की सात सीटें हैं - वडगाम, कांकरेज, राधनपुर, चणासमा, पाटण, सिद्धपुर, खेरालु। २०१२ के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने जहाँ चार सीटों पर क़ब्ज़ा किया वही कांग्रेस के खाते में तीन सीटें- वडगाम, कांकरेज और सिद्धपुर आईं।
नुक्कड़ बहस लोकेशन- गांधी बाग़, पाटण
बहस में शामिल नेताओं के नाम
१. भरतभाई राजगोर, पाटण लोकसभा सीट प्रभारी, बीजेपी
२. केसी पटेल, बीजेपी नेता व निदेशक, जीएसआरटीसी
३. कांति पटेल, पूर्व कांग्रेस विधायक, पाटण
४. बाबूभाई देसाई, पाटण ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष
५. महेंद्र पटेल, पाटण ज़िला कांग्रेस प्रवक्ता
Kaun Banega Pradhanmantri Nukkad Behes from Ahmedabad West
अहमदाबाद पश्चिम लोकसभा सीट नये सीमांकन के बाद अस्तित्व में आई और 2009 में पहली बार इसके लिए चुनाव हुए। ये सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व सीट है। 2009 लोकसभा चुनावों में इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार किरीट सोलंकी ने जीत हासिल की। 2014 लोकसभा चुनावों में भी वही बीजेपी के प्रत्याशी हैं। इस सीट से इस दफा कांग्रेस ने ईश्वरभाई मकवाणा को मैदान में उतारा है, जो पहले जोटाणा सीट से बीजेपी के विधायक और मंत्री रह चुके हैं।
अहमदाबाद पश्चिम लोकसभा सीट के अंदर गुजरात विधानसभा की सात सीटें हैं – एलिसब्रिज, अमराईवाडी, दरियापुर, जमालपुर-खाड़िया, मणिनगर. दाणी लीमडा और असारवा। इनमें से मणिनगर की सीट से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी खुद चुनाव लड़ते हैं। 2012 विधानसभा चुनावों के दौरान इन सात सीटों में से पांच सीटें बीजेपी के पास गईं, जबकि दो सीटों-दरियापुर और दाणी लीमड़ा पर कांग्रेस ने जीत हासिल की।
लोकेशन – साबरमती रिवरफ्रंट, अहमदाबाद
नुक्कड़ बहस में शरीक होने वाले नेताओं के नाम
बीजेपी
1. भूषण भट्ट, बीजेपी विधायक, जमालपुर-खाड़िया विधानसभा सीट
2. जगदीश भावसार, संयोजक, मीडिया सेल, गुजरात बीजेपी
कांग्रेस
1. मनीष दोषी, प्रवक्ता, गुजरात कांग्रेस
2. रश्मि सुथार, सदस्य, गुजरात कांग्रेस मीडिया कमिटि
Kaun Banega Pradhanmantri Nukkad Behas from Gandhinagar, Gujarat
गुजरात की राजधानी है गांधीनगर। गांधीनगर एक जिला भी है और लोकसभा क्षेत्र भी। इस लोकसभा सीट पर 1989 से ही लगातार बीजेपी का कब्जा बना हुआ है। 1989 में बीजेपी के लिए ये सीट पहली बार शंकरसिंह वाघेला ने जीती थी, जो अब कांग्रेस के बड़े नेता हैं गुजरात में और साबरकांठा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 1991 में इस सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े लालकृष्ण आडवाणी। हालांकि जैन हवाला कांड विवाद के कारण वो 1996 का चुनाव नहीं लड़ पाए और उस साल अटलबिहारी वाजपेयी यहां से पार्टी के उम्मीदवार बने और चुनाव जीते। उसके बाद 1998 का चुनाव यहां फिर से लड़ने आए आडवाणी और तब से लगातार चार चुनाव जीत चुके हैं। पांच बार गांधीनगर सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके आडवाणी छठी बार यहां से चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने कांग्रेस ने जहां किरीट पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है, वही आम आदमी पार्टी ने ऋतुराज मेहता को मैदान में उतारा है। गौरतलब है कि इस सीट पर पहले के चुनावों में कांग्रेस कभी टीएन शेषन को अपना उम्मीदवार बना चुकी है, तो कभी राजेश खन्ना को।
गांधीनगर लोकसभा सीट के अंदर गुजरात विधानसभा की सात सीटें हैं- गांधीनगर उत्तर, कलोल, साणंद, घाटलोड़िया, वैजलपुर, नाराणपुरा और साबरमती। इनमें से पहली दो विधानसभा सीटें जहां गांधीनगर जिले का हिस्सा हैं, वही बाकी विधानसभा सीटें अहमदाबाद जिले का। 2012 के विधानसभा चुनावों में इन सात सीटों में से पांच सीटों पर जहां बीजेपी ने कब्जा किया, वही कलोल और साणंद की सीट कांग्रेस के खाते में गई। घाटलोड़िया सीट से जहां राज्य की ताकतवर मंत्री आनंदीबेन पटेल विधायक हैं, तो नाराणपुरा सीट से मोदी के एक और खासमखास और बीजेपी के महामंत्री और उत्तर प्रदेश के प्रभारी अमित शाह।
आडवाणी ने पांच अप्रैल को यहां आकर अपना पर्चा भरा। उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री और पीएम पद के बीजेपी उम्मीदवार नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे। उसके बाद से आडवाणी की बेटी प्रतिभा और बेटे जयंत अपने पिता के लिए प्रचार में जुटे हैं।
लोकेशन – गांधीनगर
नुक्कड़ बहस में शामिल होने वाले नेताओं के नाम
बीजेपी
1. अशोक पटेल, बीजेपी विधायक, गांधीनगर उत्तर
2. महेंद्रसिंह राणा, मेयर, गांधीनगर नगरपालिका
3. मनुभाई पटेल, गांधीनगर नगपालिका में बीजेपी के नेता
कांग्रेस
1. निशिथ व्यास, महामंत्री, गुजरात कांग्रेस
2. मुकेश पटेल, अध्यक्ष, गांधीनगर शहर कांग्रेस
3. चिमन विंजोड़ा, कांग्रेस नेता, गांधीनगर नगरपालिका
आम आदमी पार्टी
1. ऋतुराज मेहता, आम आदमी पार्टी उम्मीदवार, गांधीनगर लोकसभा सीट
2. हसमुख पटेल, संयोजक, गांधीनगर जिला आम आदमी पार्टी
Tuesday, April 8, 2014
Monday, April 7, 2014
Kaun Banega Pradhanmantri Nukkad Behas from Surendranagar, Gujarat
गुजरात के सौराष्ट्र इलाके का हिस्सा है सुरेंद्रनगर। सुरेंद्रनगर जिले को पहले झालावाड़ के तौर पर भी जाना जाता था। आजादी के समय देशी रियासतों का भारत में विलय होने के पहले तक यहां लिंबडी, ध्रांगध्रा, वढवान, मूली, लखतर, पाटड़ी, सायला, बजाना और चूड़ा जैसी कई छोटी-बड़ी रियासतें हुआ करती थीं। खुद सुरेंद्रनगर नाम 1947 में अस्तित्व में आया, वढ़वान रियासत के तत्कालीन शासक सुरेंद्र सिंहजी के नाम पर। सुरेंद्रनगर जिला होने के साथ ही लोकसभा क्षेत्र भी है।
सुरेंद्रनगर लोकसभा सीट से फिलहाल सोमा गांडा पटेल कांग्रेस उम्मीदवार हैं। सोमा गांडा 2004 में बीजेपी की तरफ से सुरेंद्रनगर की सीट जीते थे, तो 2009 में कांग्रेस की तरफ से। इससे पहले 1989 और 1991 में भी सोमा गांडा पटेल बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर यहां से चुनाव जीते थे। 1996 में ये सीट कांग्रेस के लिए सनत मेहता ने जीती, तो 1998 में बीजेपी के लिए भावनाबेन दवे ने। 1999 के चुनाव में ये सीट कांग्रेस के लिए सवसी भाई मकवाणा ने जीती थी।
बीजेपी ने इस सीट से इस बार देवजी फत्तेपुरा को चुनाव मैदान में उतारा है। सोमा गांडा पटेल और देवजी फत्तेपुरा दोनों ही कोली समुदाय से आते हैं, जिनकी इस लोकसभा क्षेत्र में काफी संख्या है।
सुरेंद्रनगर लोकसभा क्षेत्र के अंदर गुजरात विधानसभा की सात सीटें हैं-विरमगाम, धंधुका, दसाड़ा, लिंबडी, वढवान, चोटिला और ध्रांगध्रा। इनमें से विरमगाम और धंधुका सीटें जहां अहमदाबाद जिले का हिस्सा हैं, वही बाकी पांच सीटें सुरेंद्रनगर जिले का।
2012 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी इस लोकसभा क्षेत्र के अंदर आने वाली पांच सीटें जीतने में कामयाब रही, सिर्फ दो सीटें- विरमगाम और लिंबडी कांग्रेस के खाते में गई। हालांकि जब लिंबड़ी सीट पर उपचुनाव हुआ, तो यहां से बीजेपी ने जीत हासिल कर ली।
लोकेशन- लिंबडी, सुरेंद्रनगर
नुक्कड़ बहस में भाग लेने वाले नेताओं के नाम
बीजेपी
1. शंकरभाई वेगड़, राज्य सभा सदस्य
2. चतुरभाई पटेल, शहर बीजेपी प्रमुख, लिंबडी
3. प्रणव जोशी, बीजेपी युवा मोर्चा प्रमुख, लिंबडी
4. पृथ्वीराजसिंह झाला, बीजेपी तालुका महामंत्री, लिंबडी
कांग्रेस
1. खुशालभाई जादव, तालुका कांग्रेस प्रमुख, लिंबडी
2. रैयाभाई राठौड़, तालुका कांग्रेस प्रमुख, सायला
3. नजमाबेन सोलंकी, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष, सुरेंद्रनगर
4. अनिल सिंघल, जिला कांग्रेस प्रवक्ता, सुरेंद्रनगर
Saturday, April 5, 2014
Kaun Banega Pradhanmantri Nukkad Behas from Porbandar, Gujarat
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जन्मस्थली के तौर पर पूरी दुनिया में मशहूर है पोरबंदर। अरब सागर के किनारे बसा पोरबंदर शहर न सिर्फ इसी नाम वाले जिले का मुख्यालय है, बल्कि एक समय की बड़ी रियासत भी रहा है। पोरबंदर में भगवान कृष्ण के बाल सखा सुदामा का मंदिर भी है। यहां पर बापू की जन्मस्थली, जहां कीर्ति मंदिर नाम से स्मारक बना हुआ है, दुनिया भर के सैलानी आते हैं।
पोरबंदर लोकसभा सीट के अंदर गुजरात विधानसभा की सात सीटें हैं – गोंडल, जेतपुर, धोराजी, पोरबंदर, कुतियाणा, माणावदर और केशोद। इनमें से गोंडल, जेतपुर और धोराजी सीटें जहां राजकोट जिले का हिस्सा हैं, वही पोरबंदर और कुतियाणा पोरबंदर जिले के अंदर आती हैं, जबकि माणावदर और केशोद नामक विधानसभा सीटें जूनागढ़ जिले का हिस्सा हैं। इस तरह तीन जिलों की कुछ-कुछ विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी पोरबंदर लोकसभा सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है। यहां से विठ्ठल राधड़िया सांसद हैं और 2014 लोकसभा चुनावों के लिए बीजेपी के उम्मीदवार भी। हालांकि मजेदार बात ये है कि जब 2009 में लोकसभा चुनाव हुए थे, तो इन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की थी। 2012 में राधड़िया ने धोराजी विधानसभा सीट से जीत हासिल कर संसद की अपनी सदस्यता से तीन जनवरी 2013 को त्याग पत्र दे दिया। इसके एक महीने बाद ही राधड़िया ने 25 फरवरी 2013 को विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया और बीजेपी ज्वाइन कर ली। ऐसे में 2 जून 2013 को पोरबंदर लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में बतौर बीजेपी प्रत्याशी राधड़िया ने कांग्रेस उम्मीदवार वीनूभाई अमपरा को हराकर ये सीट फिर से जीती।
कांग्रेस ने इस दफा पोरबंदर सीट पर अपना प्रत्याशी तो नहीं खड़ा किया है, लेकिन वो एनसीपी के उम्मीदवार कांधल जाडेजा को समर्थन दे रही है, जो पोरबंदर जिले की कुतियाणा सीट से एनसीपी विधायक भी है। कांधल जाडेजा की आपराधिक पृष्ठभूमि रही है और ये एक समय गॉडमदर के नाम से चर्चित रही महिला डॉन संतोकबेन जाडेजा का बड़ा बेटा है। खुद संतोकबेन ने भी कुतियाणा से विधानसभा का चुनाव जीता था। बीजेपी उम्मीदवार राधड़िया भी दबंग हैं और 2012 में ये तब सुर्खियों मे आए थे, जब एक टोलबूथ पर इन्होंने पथकर मांगे जाने पर बंदूक निकाल ली थी।
पोरबंदर लोकसभा क्षेत्र के अंदर आने वाली सात विधानसभा सीटों पर जब 2012 में चुनाव हुए थे, तो गोंडल, पोरबंदर और केशोद सीट पर जहां बीजेपी ने जीत हासिल की थी, वही जेतपुर, धोराजी और माणावदर की सीट पर कांग्रेस ने। लेकिन धोराजी सीट से विधायक रहे विठ्ठल राधड़िया और जेतपुर सीट से विधायक रहे उनके बेटे जयेश राधड़िया ने जब कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर ली, तो इन दो सीटों पर हुए उपचुनाव में जहां बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर जेतपुर से जयेश ने जीत हासिल की, तो धोराजी सीट से बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर प्रवीण माकड़िया ने। जयेश फिलहाल मोदी सरकार में राज्य मंत्री हैं।
लोकेशन – चौपाटी, पोरबंदर
नुक्कड़ बहस में शामिल नेताओं के नाम
परेश देवाणी, पूर्व बीजेपी जिलाध्यक्ष, पोरबंदर
हितेश ठकरार, शहर बीजेपी प्रमुख, पोरबंदर
विजय वडूकर, जिला बीजेपी प्रवक्ता, पोरबंदर
सामथभाई ओडेदरा, कांग्रेस नेता, पोरबंदर
जीतूभाई आगठ, महामंत्री, जिला कांग्रेस, पोरबंदर
मनसुख धोकाई, आम आदमी पार्टी नेता, पोरबंदर
Friday, April 4, 2014
Kaun Banega Pradhanmantri Nukkad Behas from Junagadh, Gujarat
जूनागढ़ गुजरात के सौराष्ट्र इलाके का हिस्सा है। ये पहले सोरठ के नाम से भी जाना जाता था। आजादी से पहले जूनागढ़ देश की बड़ी रियासतों में से एक था। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद जूनागढ़ रियासत के तत्कालीन नवाब महाबत खान ने अपनी रियासत का विलय हिंदुस्तान की जगह पाकिस्तान में करने का फैसला किया, वो भी तब जबकि रियासत की अस्सी फीसदी से अधिक आबादी हिंदुओं की थी। इसके खिलाफ जूनागढ़ में विद्रोह हो गया और नवाब को पाकिस्तान भागना पड़ा। जूनागढ़ में आरजी हुकूमत के नाम से जन प्रतिनिधियों की लोकप्रिय सरकार बनी और जनमत संग्रह के बाद इस रियासत का भारत में विलय हुआ। पहले जूनागढ़ सौराष्ट्र राज्य का हिस्सा बना, उसके बाद बृहद बंबई राज्य में इसका समावेश हुआ और फिर 1960 में गुजरात के अस्तित्व में आने के बाद ये इस नये राज्य का हिस्सा बना। जूनागढ़ न सिर्फ एक जिला बल्कि लोकसभा क्षेत्र भी है। राज्य के जिन शहरों में महानगरपालिका अस्तित्व में है, उनमें से एक जूनागढ़ भी है।
जूनागढ़ लोकसभा सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा
है। हालांकि बीजेपी ने इस दफा अपने मौजूदा सांसद दीनू सोलंकी को टिकट नहीं दिया
है, बल्कि राजेश चूड़ासमा को टिकट दिया है, जो इस जिले की मांगरोल विधानसभा सीट से
विधायक हैं। दीनू सोलंकी आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के आरोपी हैं और
हाल ही में जमानत पर जेल से छूटे हैं। इस सीट से 1991, 1996, 1998 और 1999 में
बीजेपी की भावनाबेन चिखलिया ने जीत हासिल की, जो वाजपेयी सरकार में पर्यटन
राज्यमंत्री भी बनीं। 2004 में जूनागढ़ की सीट कांग्रेस के लिए जशु बारड़ ने जीती।
जशु बारड़ 2014 के लोकसभा चुनावों में भी जूनागढ़ से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और
साथ में तालाला से विधायक भी। आम आदमी पार्टी ने यहां से अतुल सेखड़ा को चुनाव
मैदान में उतारा है, जो सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
जूनागढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंदर गुजरात विधानसभा
की सात सीटें आती हैं – जूनागढ़, वीसावदर, मांगरोल, सोमनाथ, तालाला, कोडिनार और
उना। 2012 विधानसभा चुनावों में इनमें से तीन सीटों – जूनागढ़, मांगरोल और कोडिनार
पर बीजेपी ने कब्जा किया, तो कांग्रेस के हिस्से में सोमनाथ, तालाला और उना की
सीटें आईं। एक सीट गुजरात परिवर्तन पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष और राज्य के पूर्व
मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने जीती। सोमनाथ सीट के कांग्रेसी विधायक जशाभाई वारड़
सदन से इस्तीफा देकर अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, तो केशुभाई पटेल ने भी सदन
से इस्तीफा दे दिया है और उनकी पार्टी का विलय बीजेपी में हो गया है।
लोकेशन – सौराष्ट्र भूमि कंपाउंड, जूनागढ़
नुक्कड़ बहस में शामिल होने वाले नेताओं के नाम
संजय कोरड़िया, शहर बीजेपी अध्यक्ष, जूनागढ़
ज्योतिबेन वाछानी, बीजेपी नेता व पूर्व मेयर,
जूनागढ़ महानगरपालिका
लाखाभाई परमार, कांग्रेस नेता व मेयर, जूनागढ़
महानगरपालिका
गिरीश कोटेचा, कांग्रेस नेता व डिप्टी मेयर,
जूनागढ़ महानगरपालिका
अतुल सेखड़ा, आम आदमी पार्टी उम्मीदवार, जूनागढ़
Tuesday, April 1, 2014
Monday, March 31, 2014
Kaun Banega Pradhanmantri Nukkar Behas from Amreli, Gujarat
गुजरात के सौराष्ट्र इलाके का हिस्सा है अमरेली। अमरेली जिला भी है और लोकसभा सीट भी। अमरेली लोकसभा सीट में विधानसभा की सात सीटें हैं – धारी, अमरेली, लाठी, सावरकुंडला, राजुला, महुवा और गारियाधार। इनमें से पहली पांच सीटें जहां अमरेली जिले का हिस्सा हैं, वही आखिरी दो भावनगर जिले की। 2012 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने इस लोकसभा सीट की चार विधानसभा सीटों- सावरकुंडला, राजुला, महुवा और गारियाधार पर कब्जा किया, जबकि कांग्रेस के खाते में अमरेली और लाठी की विधानसभा सीट गई। धारी विधानसभा सीट गुजरात परिवर्तन पार्टी के लिए नलिन कोटडिया ने जीती। हालांकि लाठी के कांग्रेसी विधायक बावकुभाई उंधाड ने इसी जनवरी महीने में विधानसभा से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली है, तो गुजरात परिवर्तन पार्टी का विलय बीजेपी में हो गया है।
जहां तक लोकसभा चुनावों का सवाल है, बीजेपी की तरफ से दिलीप संघाणी ने 1991, 1996, 1998 और 1999 में अमरेली की सीट जीती। वही 2004 में कांग्रेस की तरफ से वीरजी ठुम्मर ने ये सीट जीती। लेकिन 2009 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी वापस अमरेली लोकसभा सीट पर कब्जा करने में कामयाब रही। यहां के मौजूदा सांसद नारणभाई काछड़िया ही 2014 लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी के उम्मीदवार है। वही कांग्रेस ने वीरजी ठुम्मर को अपना उम्मीदवार बनाया है। आम आदमी पार्टी की तरफ से नाथालाल सुखड़िया चुनाव लड़ रहे हैं, जो आरटीआई एक्टिविस्ट हैं।
लोकशन – किसान फार्म, अमरेली
नुक्कड़ बहस में शामिल होने वाले नेताओं के नाम
नारणभाई काछड़िया, सांसद व बीजेपी उम्मीदवार, अमरेली
वीरजी ठुम्मर, कांग्रेस उम्मीदवार, अमरेली
नाथालाल सुखड़िया, आम आदमी पार्टी उम्मीदवार, अमरेली
Saturday, March 29, 2014
Kaun Banega Pradhanmantri's Nukkad Behas from Bhavnagar
भावनगर एक समय की बड़ी रियासत रही है और इस इलाके को गोहिलवाड़ के तौर पर भी जाना जाता था। आजादी के बाद भावनगर पहले सौराष्ट्र राज्य का हिस्सा बना और उसके बाद बंबई प्रांत और फिर गुजरात का। भावनगर न सिर्फ गुजरात का एक बड़ा जिला है, बल्कि इसका बड़ा हिस्सा समुद्र तटीय भी है। भावनगर का अलंग शिप ब्रेकिंग के धंधे के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। इसी जिले में पालीताणा है, जो जैन धर्मावलंबियों के लिए काफी महत्वपूर्ण शहर है।
भावनगर लोकसभा सीट बीजेपी की मजूबत सीटों मे से एक है। इस सीट पर 1991 से ही बीजेपी का कब्जा है। 1991 में बीजेपी के लिए ये सीट महावीर सिंह गोहिल ने कांग्रेस से छीनी। उसके बाद 1996, 1998, 1999, 2004 और 2009 का चुनाव बीजेपी की तरफ से राजेंद्रसिंह राणा ने जीता, जो लंबे समय तक गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे। हालांकि इस बार बीजेपी ने इस सीट से राणा की जगह भारतीबेन श्याल को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो भावनगर जिले की ही तलाजा विधानसभा सीट से विधायक हैं। वही कांग्रेस ने भावनगर लोकसभा सीट पर प्रवीण राठौड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो इसी जिले की पालीताणा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं। राठौड़ का चयन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्राइमरी योजना के तहत किया गया।
भावनगर लोकसभा सीट के अंदर विधानसभा की सात सीटें आती हैं- तलाजा, पालीताणा, भावनगर ग्रामीण, भावनगर पूर्व, भावनगर पश्चिम, गढड़ा और बोटाद। 2012 के विधानसभा चुनावों में इनमें से छह सीटों पर जहां बीजेपी ने कब्जा किया, वही सिर्फ एक सीट पालिताणा कांग्रेस के हाथ आई।
नुक्कड़ बहस में शामिल होने वाले नेताओं के नाम-
विभावरीबेन दवे, बीजेपी विधायक, भावनगर पूर्व
डी बी राणिंगा, शहर कांग्रेस अध्यक्ष, भावनगर
राजन त्रिवेदी, आम आदमी पार्टी नेता
लोकेशन- सरदार बाग़, भावनगर
Friday, March 28, 2014
Nukkad Behes of Kaun Banega Pradhanmantri from Anand, Gujarat
आणंद की शोहरत पूरी दुनिया में अमूल के मुख्यालय के तौर पर है। दरअसल इसी शहर से त्रिभुवनदास पटेल और वर्गीज कुरियन की जोड़ी ने उस श्वेत क्रांति को जन्म दिया, जो स्वतंत्र भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। आणंद शहर के नजदीक ही करमसद है, जो सरदार पटेल और उनके भाई विठ्ठलभाई पटेल के पुश्तैनी गांव के तौर पर मशहूर है। शिक्षा के क्षेत्र में भी आणंद का बड़ा नाम है। न सिर्फ यहां इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल मैनेजमेंट, आणंद यानी इरमा जैसा मशहूर प्रबंधन संस्थान है, बल्कि वल्लभ विद्यानगर के तौर पर दर्जनों कॉलेजों को समेटे हुए विशाल शैक्षणिक संकुल भी है।
आणंद का इलाका मध्य गुजरात में है। आणंद न सिर्फ एक जिला है, बल्कि लोकसभा क्षेत्र भी है। आणंद लोकसभा सीट कांग्रेस की मजबूत सीटों में से एक रही है। 1977 से लेकर 2009 तक दो बार को छोड़कर इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा। बीजेपी ये सीट सिर्फ 1989 और 1999 में जीत पाई। इस सीट से मौजूदा सांसद भरतसिंह सोलंकी हैं, जो केंद्र की यूपीए सरकार में पेयजल राज्य मंत्री हैं। सोलंकी ने वर्ष 2004 में भी ये सीट कांग्रेस के लिए जीती थी।
एक बार फिर से भरत सोलंकी ही आणंद से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं, जबकि बीजेपी ने दिलीप पटेल को मैदान में उतारा है। दिलीप पटेल फिलहाल आणंद से ही बीजेपी विधायक हैं।
आणंद लोकसभा सीट के अंदर विधानसभा की सात सीटें हैं – खंभात, बोरसद, अंकलाव, उमरेठ, आणंद, पेटलाद और सोजीत्रा। 2012 के विधानसभा चुनावों में जहां बोरसद, अंकलाव, पेटलाद और सोजित्रा पर कांग्रेस ने कब्जा किया, वही उमरेठ की सीट इसकी सहयोगी पार्टी एनसीपी ने जीती। बीजेपी सिर्फ दो सीटें-आणंद और खंभात जीत पाई।
आणंद की नुक्कड़ बहस में शामिल नेताओं के नाम
बीजेपी
1. राजेश पटेल, आणंद लोकसभा क्षेत्र प्रभारी, बीजेपी
2. ध्वनि शर्मा, राष्ट्रीय सचिव, बीजेपी युवा मोर्चा
3. बिपिन पटेल, वरिष्ठ नेता, बीजेपी
कांग्रेस
अल्पेश पुरोहित, कांग्रेस नेता
आम आदमी पार्टी
कुणाल मेहता
Kaun Banega Pradhanmantri Nukkad Behas from Kheda, Gujarat
खेड़ा लोकसभा सीट प्रोफाइल
मध्य गुजरात की खेड़ा लोकसभा सीट कांग्रेस की मजबूत सीटों में से एक रही है। इस सीट से पिछले पांच लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। 1996 से ही लोकसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे दिनशा पटेल केंद्र की सरकार में खनन मंत्री हैं।
2014 लोकसभा चुनावों के लिए भी दिनशा पटेल ही कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। हालांकि खास बात ये है कि दिनशा अपना पिछले लोकसभा चुनाव 2009 में महज 846 वोटों के मामूली से मार्जिन से जीते थे। ऐसे में बीजेपी ये सीट कांग्रेस से छीनने के लिए अपना पूरा जोर लगा रही है। बीजेपी ने इस दफ़ा भी उसी देवू सिंह चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो पिछली दफ़ा मामूली अंतर से चुनाव हार गये थे।
खेड़ा लोकसभा सीट के अंदर विधानसभा की सात सीटें हैं- दसक्रोई, धोल्का, मातर, नडियाद, महेमदाबाद, महुधा और कपडवंज। इनमें से दसक्रोई और धोल्का की सीटें अहमदाबाद जिले का हिस्सा हैं, तो बाकी पांच सीटें खेडा जिले का। 2012 विधानसभा चुनावों के दौरान इन सात सीटों में चार-दसक्रोई, धोल्का, मातर और नडियाद पर जहां बीजेपी ने कब्जा किया, वही बाकी की सीटें कांग्रेस के खाते में गईं।
खेड़ा जिला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। खेड़ा सत्याग्रह अहिंसक आंदोलनों की कड़ी में प्रमुखता से स्थान पाता है। इसी खेड़ा जिले के मुख्यालय नडियाद में लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी यही हुई थी।
लोकेशन – नडियाद, खेड़ा
नुक्कड़ बहस में शामिल होने वाले नेताओं के नाम
बीजेपी
1. देवूसिंह चौहाण, बीजेपी उम्मीदवार व विधायक, मातर
2. सुरेश भट्ट, जिला बीजेपी अध्यक्ष, खेडा
3. अस्मा खान पठान, जिला अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्षा, खेडा
कांग्रेस
1. जीतेंद्र पटेल, नडियाद शहर प्रमुख, कांग्रेस
2. नरेशभाई बारोट, पूर्व अध्यक्ष, नडियाद नगर पालिका व कांग्रेस नेता
3. संजय पटेल, कांग्रेस नेता
Friday, March 21, 2014
KBPM's Nukkad Bahas from Rajkot, Gujarat, March 10, 2014
Rajkot is heart of Saurashtra region, politically most important in Gujarat. Rajkot was capital of erstwhile Saurashtra state also. This LS seat was won by Keshubhai Patel in 1977. Currently this seat is held by Congress MP Kunwarji Bavalia.
For 2014 LS Elections, Bavalia is Congress
candidate, while Mohan Kundaria is BJP Candidate. Kundaria is BJP MLA from
Tankara, Rajkot.
In 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 this seat was won by BJP.
Rajkot LS seat comprises 7 Assembly seats- Tankara, Wankaner, Rajkot East, Rajkot West, Rajkot South, Rajkot Rural and Jasdan.
Tankara is birthplace of great social reformer Swami Dayanand Sarswati, while Mahatma Gandhi got his school studies in Rajkot.
In 2012 Assembly elections, out of 7, four seats was won by BJP while Congress won 3 seats.
Guests in the Nukkad Bahas
1. Govind Patel- BJP MLA from Rajkot South seat and Minister of State for Agriculture and Civil Supplies in Gujarat government
2. Indranil Rajyaguru - Congress MLA from Rajkot East
3. Raju Jhunjha- AAP leader, Rajkot
In 1989, 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 this seat was won by BJP.
Rajkot LS seat comprises 7 Assembly seats- Tankara, Wankaner, Rajkot East, Rajkot West, Rajkot South, Rajkot Rural and Jasdan.
Tankara is birthplace of great social reformer Swami Dayanand Sarswati, while Mahatma Gandhi got his school studies in Rajkot.
In 2012 Assembly elections, out of 7, four seats was won by BJP while Congress won 3 seats.
Guests in the Nukkad Bahas
1. Govind Patel- BJP MLA from Rajkot South seat and Minister of State for Agriculture and Civil Supplies in Gujarat government
2. Indranil Rajyaguru - Congress MLA from Rajkot East
3. Raju Jhunjha- AAP leader, Rajkot
KBPM Nukkad Behas from Chhota Udepur, Gujarat, March 21, 2014
छोटा उदेपुर लोकसभा सीट मध्य गुजरात में है। ये अनुसूचित जन जातियों
के लिए रिजर्व सीट है। इस सीट से फिलहाल बीजेपी के राम सिंह राठवा सांसद हैं। छोटा
उदेपुर सीट 1977 से ही अस्तित्व में है। 1977, 1980 और 1984 में यहां कांग्रेस ने
जीत हासिल की। इस सीट से पांच बार नारणभाई राठवा ने जीत हासिल की। 1989 में जनता
दल उम्मीदवार के तौर पर तो 1991 में चिमनभाई पटेल की पार्टी जनता दल गुजरात के
उम्मीदवार के तौर पर। इसके बाद नारणभाई कांग्रेस में शामिल हो गये और 1996 और 1998
का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता। 1999 में वो बीजेपी के राम सिंह राठवा से हार
गये, लेकिन 2004 में फिर से नारणभाई ने कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की
और यूपीए-1 की सरकार में रेल राज्यमंत्री
बने। 2009 में नारणभाई राठवा एक बार फिर बीजेपी के रामसिंह राठवा से हार गये। 2014 लोकसभा
चुनावों के लिए कांग्रेस ने नारणभाई राठवा को अपना प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी
की तरफ से रामसिंह राठवा ही मैदान में हैं।
छोटा उदेपुर पहले वडोदरा जिले का हिस्सा था, लेकिन पिछले साल यानी 15
अगस्त 2013 से ये खुद एक नये जिले के तौर पर अस्तित्व में आ चुका है। आजादी के पहले
छोटा उदेपुर एक रियासत हुआ करती थी।
छोटा उदेपुर लोकसभा सीट के अंदर विधानसभा की सात सीटें हैं- हालोल,
छोटा उदेपुर, जेतपुर, संखेडा, डभोई, पाद्रा और नांदोड। 2012 के विधानसभा चुनावों
में इनमें से पांच सीटें बीजेपी ने जीती, तो दो सीट कांग्रेस ने।
नुक्कड़ बहस में शामिल नेताओं के नाम
कांग्रेस
1. नारणभाई राठवा,
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी, छोटा उदेपुर लोकसभा सीट
2. मोहन सिंह राठवा,
कांग्रेस विधायक, छोटा उदेपुर
बीजेपी
1. राम सिंह राठवा,
बीजेपी प्रत्याशी व मौजूदा सांसद, छोटा उदेपुर
2. गुल सिंह राठवा,
बीजेपी नेता, छोटा उदेपुर
KBPM Nukkad Behas from Vadodara, Gujarat, March 20, 2014
मध्य गुजरात का कंद्र बिंदु है वडोदरा। १९९१ में पहली बार बीजेपी के लिए ये सीट दीपिका चिखलिया नेजीती थी। १९९६ में महज़ १७ वोटों से कांग्रेस उम्मीदवार सत्यजीत सिंह गायकवाड ने ये सीट बीजेपी से छिन ली। लेकिन उसके बाद से लगातार ये सीट बीजेपी के क़ब्ज़े में है। यहाँ पर पिछले चुनाव यानी २००९ में बीजेपी के बालकृष्ण शुक्ल ने एक लाख ३६ हज़ार वोटों से भी अधिक के मार्जिन से कांग्रेस प्रत्याशी को हराया।
वडोदरा लोकसभा सीट के अंदर विधानसभा की सात सीटें हैं- साँवली, वाघोडिया, वड़ोदरा सिटी, सयाजीगंज, अकोटा, रावपुरा, मांजलपुर। २०१२ के विधानसभा चुनावों में इनमें से छह सीटों पर बीजेपी ने क़ब्ज़ा किया जबकि साँवली की सीट बीजेपी से ही बाग़ी होकर चुनाव लड़े केतन इनामदार ने जीती। केतन भी अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं।
वड़ोदरा की पहचान महाराजा सयाजीराव गायकवाड के शहर के तौर पर रही है। रियासतों के दौर में वो भारत के सबसे प्रगतिशील और प्रजा हितकारी, राष्ट्रवादी शासक के तौर पर मशहूर रहे।
अब वड़ोदरा पर निगाह नरेंद्र मोदी के यहाँ से बीजेपी उम्मीदवार बनने के कारण होगी। हालाँकि कांग्रेस की तरफ़ से यहाँ मोदी को चुनौती नरेंद्र रावत से मिलेगी, जो प्राइमरी के ज़रिये उम्मीदवार बने हैं। ऐसे में वडोदरा का ये मुक़ाबला नरेंद्र बनाम नरेंद्र का हो जाएगा।
वड़ोदरा की नुक्कड़ बहस में शामिल हुए नेताओं के नाम
बीजेपी
बालकृष्ण शुक्ल, बीजेपी सांसद, वडोदरा
भरत डाँगर, वड़ोदरा शहर बीजेपी अध्यक्ष
शब्दशरण ब्रह्मभट्ट, वरिष्ठ बीजेपी नेता
कांग्रेस
नरेंद्र रावत, कांग्रेस उम्मीदवार, वडोदरा
चंद्रकांत श्रीवास्तव, कांग्रेस नेता, वड़ोदरा नगर निगम
आम आदमी पार्टी
सोनाली सेन
Thursday, March 20, 2014
KBPM Nukkad Bahas from Jamnagar, Gujarat, March 13, 2014
एक समय की सौराष्ट्र की बड़ी रियासतों में से एक नवानगर का मुख्यालय
जामनगर। विश्व क्रिकेट के सार्वकालिक मशहूर नामों से एक रणजीत सिंह इसी नवानगर
रियासत के महाराजा थे। जामनगर शहर की कई इमारतें और जाम रणजीत सिंह की निशानियों
से भरा पड़ा है, जिसमें से एक है जामनगर का सुमेर क्लब भी। घरेलू क्रिकेट के दो
मशहूर मुकाबले रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी जाम रणजीत सिंह और उनके भतीजे दिलीप
सिंह के नाम पर ही हैं।
जामनगर जिले के अंदर ही रिलायंस और एस्सार समूह की मशहूर रिफाइनरियां
भी हैं। भारतीय सेना के लिहाज से भी जामनगर महत्वपूर्ण शहर है, जहां सेना के तीनों
अंग मौजूद हैं। जामनगर जिले में ही देश का एक मात्र मरीन नेशनल पार्क भी है।
जामनगर लोकसभा सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है। यहां से कांग्रेसी
सांसद विक्रम माडम ने 2004 और 2009 में लोकसभा चुनाव जीता। 2014 लोकसभा चुनावों
में भी विक्रम माडम ही कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। हालांकि इस सीट पर 1989 से लेकर
1999 तक लगातार बीजेपी का कब्जा रहा और चंद्रेश पटेल यहां के सांसद रहे। बीजेपी
ने इस दफा विक्रम माडम की भतीजी पूनम माडम को अपने उम्मीदवार के तौर पर मैदान में
उतार दिया है। पूनम जिले की खंभालिया विधानसभा सीट से विधायक हैं। ऐसे में जामनगर
में इस बार चुनावी मुकाबला चाचा और भतीजी के बीच होने जा रहा है।
जामनगर लोकसभा सीट के अंदर विधानसभा की सात सीटें हैं – कालावाड,
जामनगर ग्रामीण, जामनगर उत्तर, जामनगर दक्षिण, जाम जोधपुर, खंभालिया और द्वारका।
2012 विधानसभा चुनावों में इन सात सीटों में से पांच पर बीजेपी ने कब्जा किया तो
दो सीटों- जामनगर ग्रामीण और जामनगर उत्तर पर कांग्रेस ने कब्जा किया।
नुक्कड़ बहस में शामिल गेस्ट
बीजेपी
1.
दिनेश पटेल, बीजेपी नेता और मेयर, जामनगर शहर
2.
हसमुख हिंडोचा, शहर बीजेपी प्रमुख, जामनगर
3.
दिलीप सिंह चूड़ासमा, जिला बीजेपी महामंत्री
कांग्रेस
1.
पीसी खेतिया, शहर कांग्रेस अध्यक्ष, जामनगर
2.
वीरेंद्र सिंह जाडेजा, महामंत्री, जिला कांग्रेस
आम आदमी पार्टी
1. जयेंद्र भाई परमार,
जामनगर जिला संयोजक, आम आदमी पार्टी
लोकेशन – सुमेर क्लब, जामनगर
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