जूनागढ़ गुजरात के सौराष्ट्र इलाके का हिस्सा है। ये पहले सोरठ के नाम से भी जाना जाता था। आजादी से पहले जूनागढ़ देश की बड़ी रियासतों में से एक था। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद जूनागढ़ रियासत के तत्कालीन नवाब महाबत खान ने अपनी रियासत का विलय हिंदुस्तान की जगह पाकिस्तान में करने का फैसला किया, वो भी तब जबकि रियासत की अस्सी फीसदी से अधिक आबादी हिंदुओं की थी। इसके खिलाफ जूनागढ़ में विद्रोह हो गया और नवाब को पाकिस्तान भागना पड़ा। जूनागढ़ में आरजी हुकूमत के नाम से जन प्रतिनिधियों की लोकप्रिय सरकार बनी और जनमत संग्रह के बाद इस रियासत का भारत में विलय हुआ। पहले जूनागढ़ सौराष्ट्र राज्य का हिस्सा बना, उसके बाद बृहद बंबई राज्य में इसका समावेश हुआ और फिर 1960 में गुजरात के अस्तित्व में आने के बाद ये इस नये राज्य का हिस्सा बना। जूनागढ़ न सिर्फ एक जिला बल्कि लोकसभा क्षेत्र भी है। राज्य के जिन शहरों में महानगरपालिका अस्तित्व में है, उनमें से एक जूनागढ़ भी है।
जूनागढ़ लोकसभा सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा
है। हालांकि बीजेपी ने इस दफा अपने मौजूदा सांसद दीनू सोलंकी को टिकट नहीं दिया
है, बल्कि राजेश चूड़ासमा को टिकट दिया है, जो इस जिले की मांगरोल विधानसभा सीट से
विधायक हैं। दीनू सोलंकी आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की हत्या के आरोपी हैं और
हाल ही में जमानत पर जेल से छूटे हैं। इस सीट से 1991, 1996, 1998 और 1999 में
बीजेपी की भावनाबेन चिखलिया ने जीत हासिल की, जो वाजपेयी सरकार में पर्यटन
राज्यमंत्री भी बनीं। 2004 में जूनागढ़ की सीट कांग्रेस के लिए जशु बारड़ ने जीती।
जशु बारड़ 2014 के लोकसभा चुनावों में भी जूनागढ़ से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं और
साथ में तालाला से विधायक भी। आम आदमी पार्टी ने यहां से अतुल सेखड़ा को चुनाव
मैदान में उतारा है, जो सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
जूनागढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंदर गुजरात विधानसभा
की सात सीटें आती हैं – जूनागढ़, वीसावदर, मांगरोल, सोमनाथ, तालाला, कोडिनार और
उना। 2012 विधानसभा चुनावों में इनमें से तीन सीटों – जूनागढ़, मांगरोल और कोडिनार
पर बीजेपी ने कब्जा किया, तो कांग्रेस के हिस्से में सोमनाथ, तालाला और उना की
सीटें आईं। एक सीट गुजरात परिवर्तन पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष और राज्य के पूर्व
मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल ने जीती। सोमनाथ सीट के कांग्रेसी विधायक जशाभाई वारड़
सदन से इस्तीफा देकर अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं, तो केशुभाई पटेल ने भी सदन
से इस्तीफा दे दिया है और उनकी पार्टी का विलय बीजेपी में हो गया है।
लोकेशन – सौराष्ट्र भूमि कंपाउंड, जूनागढ़
नुक्कड़ बहस में शामिल होने वाले नेताओं के नाम
संजय कोरड़िया, शहर बीजेपी अध्यक्ष, जूनागढ़
ज्योतिबेन वाछानी, बीजेपी नेता व पूर्व मेयर,
जूनागढ़ महानगरपालिका
लाखाभाई परमार, कांग्रेस नेता व मेयर, जूनागढ़
महानगरपालिका
गिरीश कोटेचा, कांग्रेस नेता व डिप्टी मेयर,
जूनागढ़ महानगरपालिका
अतुल सेखड़ा, आम आदमी पार्टी उम्मीदवार, जूनागढ़
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